19 April 2020

करोना से डरो ना - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

करोना से डरो ना

करोना से डरो ना - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

दुनिया के देशा मे हे, बेबे मोदी ए मोदी हो रही,
हे मोदी ने रोप दिया चाळा

चाइना तै आया करोना, मोदी कहै इहते डरो ना
तम्ह घर में लॉक रहो ना, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

इने जनता कर्फ्यू लगाया, पब्लिक ने खूब निभाया,
करोना बाहर भजाया, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

हमने ताळी थाळी पीटी, दुनिया ने मारी सीटी, 
करोना की माटी पीटी, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

मोमबत्ती दीये जलाके, भारत में ज्योत जगाके
जन जन में अलख जगाई, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

लॉकडाउन कई बे बढ़ाया, सबनै ए मास्क लगाया
हाथां की करी सफाई, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

सारे जग में मची त्राही, भारत तै दवा मंगाई
करी मोदी ने सप्लाई, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

जन धन ते पैसा भेज्या, उने घर घर राशन भेज्या
महामारी दूर भजाई, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

आनन्द ने गीत बणाया, हमने सबने मिलके गाया
यो मोदी ए मोदी छाया, हे मोदी ने रोप दिया चाळा

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21

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12 April 2020

भात - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

भात 
भात - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

चाची ताई अगड पड़ोसन शुभ गीत गवावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

मेरे भतीजे चाँद सितारे, सूरज सा मेरा भाई 
तोरण ऊपर खड़ी  बराबर मेरी माँ की जाई 
आगे आगे बैंड बाजता, नाचे लोग लुगाई 
टैम पे आग्या माँ का जाया, मेरी होगी मान बड़ाई 
धो के बारणा चौक पूर  दिया फेर पटड़ा बिछावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

गज की छाती करके भाई, पटड़े ऊपर खड्या हुया 
लोटे नेग गेरने नै वो मेरी नणदी तै भिड़्या हुया 
मेरे सर पै  चुन्दड़, गल में माला, सोने का कंठा  घड्या हूया 
तोरण ऊपर धर दिया चुन्दड, हीरे मोती जडया हुया 
नणदी प्यारी लड़ लड़ कै  नै, नेग धरावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

माथे चावल लाती जा, मेरा थर थर हिरदा हिलता 
देख देख कै  भाई भतीजे मेरा मन आनन्द में खिलता 
बिन मांगे जब सब मिल ज्यावे, ना मांगे कुछ भी मिलता 
धी बेटी तै दान करा हुआ दूगना चुगणा फलता 
बड़ी बूढी सब कट्ठी हो के दान का धर्म बतावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

देइ मान बराबर दौराणी जिठाणी, मेरी ऊँची गर्दन करदी 
हज़ार, पाँच सौ, सौ दो सौ के नोटों ते थाली भर दी 
सबके गल में हार घाल दिए सर पे चूंदड़ धर दी 
आनन्द का यो देख नज़ारा मेरी झर झर अँखियाँ झरती 
खाण्ड  कसार और घी बूरा ते फेर भाती जिमावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21

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लव सव - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

लव सव

लव सव - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

तेरे लव सव का मन्ने बेरा कोन्या, इस लव ते दूर रहूँगी
तेरी नस नस में छल भरया पड़ा, इस छल ते दूर रहूँगी

कदे बाबू कदे जानू शोना, तू दिन देखै ना रात जले
जब भी बाजे फोन की घण्टी, आज्या सै मेरी स्यात जले
तने के करणी से बात जले, तेरी कॉल तै दूर रहूँगी

खेत गली घर गितवाड़े में, मेरे पाछे पाछे आए जा
पठ्यां के मह हाथ फेर, आँख्यां की कोर नचाए जा
तूं मन में लहोर मचाए जा इस, आनन्द तै दूर रहूँगी

तू  ढ़बियाँ गेल्या करै मसखरी, ले ले के नै नाम मेरा
थारे घरां उल्हाणा भेजूंगी मैं, जब बुझूंगी गाम तेरा
बँधवा कै इन्तजाम तेरा फेर, चैन की सांस लेऊँगी

मेरे भाईयाँ नै जाण पाटज्या, तूं अपणे हाड़ तुड़ा लेगा
जै फँसग्या तूँ आनन्द कै तन्ने उसते कुण छुड़ा लेगा
तेरे पड़ते हे हाथ जुड़ा लेगा, जै उसते जा कह दूँगी

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21

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