11 August 2024

2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी

2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी

2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी 


नेक कमाई करिए बन्दे, ना कार कमाइए खोटी ।

चोरी का धन मोरी में जा, खाणी सैं दो रोटी ।।


तूं भी माटी तेरे तन पै माटी, सब माटी बीच समावै सै

सब कुछ माटी हो ज्या सै क्यूं, पाप की गठड़ी ठावै सै

किसके लिए कमावै सै या, रिश्वत ले ले मोटी ।।


मैं मैं, मैं मैं, मेरा मेरी, मैं नस नस के म्ह समा गई ।

बेईमानी और अहंकार नै, नस नस के म्ह रमा गई ।।

तेरी बुद्धि पै रू जमा गई, देइ खेल समय नै गोटी ।।


इस काया का के करले जब, आग के बीच धकेली जा

जीव आत्मा सौंपी जा सै, के करले महल हवेली का

कुछ बनै ना पिसे धेली का, जब चलै काळ की सोटी


तूं नई योजना त्यार करै, वो पहलमै लिखकै धर रहया सै

गुरू पालेराम कै आनन्द शाहपुर, रोज हाजरी भर रहया सै

गुरू घणी सहाई कर रहया सै तूं, रच बड्डी या छोटी ।।


कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024

चौपड़सार खिलादे गौरी राणी बनके मेरी | Rajender Kharakiya & Babli Verma Duet Ragni Haryanvi | #ragni



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