फौजी फ़ौजण की दोचश्मी
फ़ौजण : तेरे प्रेम में पड़ के ने मेरे तन की ढेरी हो ली
तेरी मर्जी तूं जाणे पर मैं तो तेरी हो ली
फ़ौजण : तूं आवे ना ख़त तेरा मैं देखे जा सु बाट पिया
फौजी : मैं भारत माँ की करूं नौकरी, तूं ले न अपना डाट हिया
फ़ौजण : के मरु कालजा काट पिया, इब देर भतेरी हो ली
तेरी मर्जी तूं जाणे पर मैं तो तेरी हो ली
फ़ौजण : टेलीफोन मोबाइल धोरे, कदे करे न कॉल पिया
फौजी : हाड कंपाती बर्फ में गौरी, होज्या से बेहाल जिया
फ़ौजण : तने जब भी कर ल्यूं कॉल पिया, तेरी शाम सवेरी हो ली
तेरी मर्जी तूं जाणे पर मैं तो तेरी हो ली
फ़ौजण : मेरे ते प्यार करया करता इब पूजन लाग्या हिन्द ने
फौजी : देश ते उपर कुछ भी कोन्या, चाहे बूझ लिए आनन्द ने
फ़ौजण : के रो ल्यूं इस आनन्द ने एक बे दिखा के शान ल्ह्को ली
तेरी मर्जी तूं जाणे पर मैं तो तेरी हो ली
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2019-20
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