निशाना
लौंग तेरी का लश्कारा चमकै काना की बाळी
ठहर हूर मत मार निशाना भरकै आँख दुनाळी
ठहर हूर मत मार निशाना भरकै आँख दुनाळी
जब भी झपकै पलक पाँवड़े, दिल दूणा दूणा धडकै
आँख की कौर नचावै मतन्या, तीर काळजै रड़कै
फडकै सै तेरी भौंह काळी किसी मटकै अदा निराळी
आँख की कौर नचावै मतन्या, तीर काळजै रड़कै
फडकै सै तेरी भौंह काळी किसी मटकै अदा निराळी
काजल डोरे खींच लिए ये पहलम ए आँख कटीली सैं
गोरे मुख पे नूर बरस रहया, आंख झील सी नीली सैं
पतला सुतवाँ नाक होंठ जणू फळ मेवे की डाळी
गोरे मुख पे नूर बरस रहया, आंख झील सी नीली सैं
पतला सुतवाँ नाक होंठ जणू फळ मेवे की डाळी
उज्ज्वल दन्त पँक्ति धौळी तूँ हँस हँस फूल बखेरै सै
जब भी देखै नजर उठा कै, नशे मन पे बिजळी गेरै सै
छोल काळजा गेरै सै जब कुकै कोयल काळी
जब भी देखै नजर उठा कै, नशे मन पे बिजळी गेरै सै
छोल काळजा गेरै सै जब कुकै कोयल काळी
लाम्बी पतळी कमल नयनी, घर करगी मेरे दिल मे
फिर आंख्या तै ओझल होगी, हूक उठी इसी दिल मे
बिल में बड़गी नागण काळी आनन्द की देखी भाळी
फिर आंख्या तै ओझल होगी, हूक उठी इसी दिल मे
बिल में बड़गी नागण काळी आनन्द की देखी भाळी
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2021-22
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