20 July 2021

तोताचश्मी - नया हरयाणवी गाना गीत कविता व राग रागनी

तोताचश्मी

तोताचश्मी - नया हरयाणवी गाना गीत कविता व राग रागनी
सुवे की ज्यूँ फिरै चाखता, कदे आवै कदे जा
तेरे प्रेम की चाहना कोन्या, जित मर्जी धक्के खा

इर्दगिर्द मेरे चक्कर काटै तेरै चैन पडै दिन रात नहीं
भँवरे की ज्यूँ मंडरावै जब तक कर ल्यूँ बात नहीं
रात गई और बात गई फेर बदल्या तेरा सुभा

पहले दिन तै जाणु थी तेरी फितरत धोखा देवण की
बीच समन्दर डोबैगा ना आसंग किश्ती खेवण की
तेरी हरदम नीत मटेवण की करै हस्ती मेरी फ़ना

दस दिन भीतर तेरे प्रेम का सारा ए भाँडा फुट गया
मेरे तै जब दिल भरग्या तेरा प्रेम का धागा टूट गया
छूट गया रँग नकली पल में इब दूजा रँग चढ़ा

जाण गई पहचाण गई इब तेरे हाथ ना आवण की
चौगरदे मुँह फिरै मारता दे छोड़ बाण मुँह बावण की
गावण की जै रीस करै तै तूँ आनन्द शाहपुर गा

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2021-22

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