हीर बेवफा
रूस गई मेरी हीर करूं के ताली का
इब कौण बनेगा आसरा इस पाली का
वा अक्खन की रानी होगी, मेरे बीज बिघ्न का बोगी
कित महलां में पडके सोगी, मने धरती पर तै खोगी
हाल बुरा हाली का
इब कौण बनेगा आसरा इस पाली का
मने न्याम्ड भैंस चराई, मेरे पांहया पड़ी बिवाई
उनै कती लिहाज़ ना आई, मेरे कोन्या गात समाई
करूं के साली का
इब कौण बनेगा आसरा इस पाली का
कित जाके पापण मरगी, उनै मेरे बिना भी सरगी
मेरे ज़हरी नागण लड़गी, डस बम्बी के म्हा बडगी
ज़हर चढ्या काली का
इब कौण बनेगा आसरा इस पाली का
कहै आनन्द शाहपुर आला, ले लाठी कंबल काला
पड़या बेवफा तै पाला, गई टूट प्रेम की माला
दोष के माली का
इब कौण बनेगा आसरा इस पाली का
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2019-20
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