16 May 2021

समझ - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

 समझ

समझ - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

तेरी समझ में आ ज्याउँ, मैं वो सौदा कोन्या।
धुर दिन का शरीफ सूं पर माणस बोदा कोन्या।।

बड़े बूढ़े औऱ बाळक पे मन्ने कदे हाथ ना ठाया
बदमाशा की ऐंठ काढ़ दी, भिड़ते चित्त लगाया
तेरे हाथ मे आ ज्याउँ, तेरा इतना ओहदा कोन्या।।

भाण अर बेटी बहु किसे की, भर के नजर तकी ना
अपणी सोधी में इस मुँह तै कदे, ओछी बुरी बकी ना
दुश्मन का भी भला करया, कदे खड्डा खोदया कोन्या।।

जात पात अश्लील कविता फीम अर लाड्डू लिक्खी ना।
बदमाशी के थोथे किस्से, गन पिस्टल गोली लिक्खी ना।।
पाखण्ड विद्या सिक्खी ना मैं, अनपढ़ मोडडा कोन्या।

नशे पते असले हथियारा की कदे भी होड़ करी ना।
ठरकी और फुकरे यारा की कदे भी मरोड़ करी ना।।
आनन्द शाहपुर नई समझ सै, जहरी पौधा कोन्या।।

©आनन्द कुमार आशोधिया 2021-22
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2021-22

Note : Content on this blog is copyright.  Whole, partial or any part of this blog may not be used, acted, enacted, reproduced or recreated in any form without written permission from the owner (Anand Kumar Ashodhiya Email : ashodhiya68@gmail.com Mobile No.9963493474). Thanks in advance.

0 Please Share a Your Opinion.: