नवनिर्माण
ठहरया पाणी गाधला होज्या, लाइये जुगत निथारण की
नवनिर्माण करण की सोचो, ना पिछले पै इतरावण की
हरियाणे में लोक कवि और, गीतकार विद्वान हुए
उनकी रचना राग रागनी, हरियाणे का मान हुए
सूर्यकवि श्रीलखमीचन्द, गायन रस की खान हुए
कवि शिरोमणि माँगे राम भी, जनमाणस की ज्यान हुए
वे अजर हुए, वे अमर हुए, तुम सोचो नया बणावण की
गुरु मानसिंह, लखमीचन्द का, हरियाणे में नाम बड़ा
सोनीपत जिला, सेरसा जाटी, हरियाणे में गाम बड़ा
बाजे भगत सिसाने आळा, रचग्या भक्ति ज्ञान बड़ा
सांग भजन और रागणियों में, पाणची का धाम बड़ा
रच नया गीत, मय सँगीत, सृजन कर लय ठावण की
कवि दयाचन्द मायने के म्ह, प्रचार करण आले होगे
सामाजिक समरसता का, प्रसार करण आले होगे
जाट मेहरसिंह गाम बरोणा, छन्द नए धरण आले होगे
समचाणेे में जगननाथ रँग नए भरण आले होगे
कुछ ऊतां की आदत हो रही आज वृथा ही मुँह बावण की
मुंशीराम जाण्डली, धनपत, नुरनन्द वाले व्यास हुए
गन्धर्व कवि नन्द लाल मास्टर नेकीराम जी खास हुए
हरिकेश पटवारी सिंगर, कविताई के दास हुए
पढ़ पढ़ के इन महारथियाँ ने आनन्द शाहपुर पास हुए
पैसे ले कै कार करैं कुछ छाप काट कै गावण की
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2021-22
Note : Content on this blog is copyright. Whole, partial or any part of this blog may not be used, acted, enacted, reproduced or recreated in any form without written permission from the owner (Anand Kumar Ashodhiya Email : ashodhiya68@gmail.com Mobile No.9963493474). Thanks in advance.
0 Please Share a Your Opinion.: