किस्सा अधराजण - रागनी 5
वृत्तांत : रसकपूर की वार्ता अपनी सखी दासी सुम्मन से।
सुण सुम्मन प्यारी, तू कर तय्यारी, आज मिलण की रात।
बालम तै फेलूंगीsssss, मेरी पहली से मुलाकात।।
मनै बान बिठादे, मेरै तेल चढ़ादे।
दो गीत गवादे, फेर मनै न्हवादे।
दो गीत गवादे, फेर मनै न्हवादे, चमकादे मेरा गाssत।
बालम तै फेलूंगीsssss, मेरी पहली से मुलाकात।।
मनै सूंट परहादे, मनै बूंट परहादे।
मनै चून्नर उढ़ादे, घूघट करवादे।
मनै चून्नर उढ़ादे, घूघट करवादे, मिलै हाथ में हाथ।
बालम तै फेलूंगीsssss, मेरी पहली से मुलाकात।।
मेरा पलँग सजादे, गद्दे बिछवादे।
तकिए लगवादे, इत्र गिरवादे।
तकिए लगवादे, इत्र गिरवादे, महकण दे सारी रात।
बालम तै फेलूंगीsssss, मेरी पहली से मुलाकात।।
शाहपुरिया आनन्द, धरै छन्द पै छन्द।
कटें बिफता के फन्द, आज्या आनन्द।।
कटें बिफता के फन्द, आज्या आनन्द, तू मानले मेरी बात।
बालम तै फेदूंगीsssss, मेरी पहली से मुलाकात।।
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2020-21
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