27 July 2020

आज्या राखी बंधा ज्या भाई - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

आज्या राखी बंधाज्या भाई

आज्या राखी बंधा ज्या भाई - नया हरयाणवी गाना गीत कविता राग रागनी

आज्या राखी बंधा ज्या भाई, बाहण पुकारे तेरी याद में।
सुन्नी तेरी कलाई भाई, जाइए तूँ बॉर्डर ऊपर बाद में।।

तूँ आया जब खुशी खुशी में, घर घर बंटी मिठाई।
बाळक सी थी फिरूँ नाचती, फूली नही समाई।।
भाई आग्या घर म्हारै सारै गाती फिरूँ थी दिन और रात में।।

दसमी कर के कॉलेज पढ़ग्या, भर्ती हुया फौज में
भारत माँ की करे नौकरी, कुनबा हुया मौज में
रोज मैं याद करूँ मेरे बीरा, आणा था इबकै तन्ने साढ़ में।।

सामण आग्या, झूले पड़गे, मन में खुशी समाई
सारे गाम में रुक्का पड़ग्या, छूटी आग्या भाई
ल्याई प्रेम की राखी रे बुणके, प्यारे से भाई के लाड में।।

कोए बहाना इब ना चाले, नेग लेऊँगी डटके
हाथ बढ़ा ल्या राखी बाँधू, वारी जाऊं सदके
जबते आनन्द भाई ते फेटी मानूँ सूँ घणी ए उसकी ठाढ़ मैं।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21

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